मकाम के संस्थापक, अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय कवि आदरणीय नरेश नाज़ सर जी के सान्निध्य,आशीर्वाद एवं सहयोग से, इंडोनेशिया समूह की अध्यक्ष श्रीमती योगिता शर्मा जी की अध्यक्षता में, मुख्य अतिथि डा.सुमन सखी दहिया जी सलाहकार मकाम, विशिष्ट अतिथि डा.अर्चना पाण्डेय जी अध्यक्ष तेलंगाना मकाम, विशिष्ट अतिथि आदरणीय श्रीमान आशीष शर्मा जी के निरन्तर प्रोत्साहन से, मिनाक्षी 'गाँधी' गुप्ता अधयक्ष सुराबाया इकाई, इंडोनेशिया के संचालन में यह काव्य गोष्ठी आयोजित की गई थी।
जिनमें देश-विदेश से कुल २३ कवि कवयित्री जुड़े। सभी ने अपनी रचनाओं में वीर रस के सभी पक्षों को रखते हुए देश के प्रति अपने अटूट प्रेम को दर्शाया।
सभी ने मकाम की सफल गोष्ठी के लिए संयोजक, संचालक मिनाक्षी 'गाँधी' गुप्ता के प्रयास को खूब सराहा और बधाई दी।
आदरणीय नरेश नाज़ जी संस्थापक मकाम ने सभी का स्वागत किया। कवयित्री पूर्णिमा सिंह जी ने सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। इस साहित्यिक सम्मेलन में कवयित्री मीनू संयोग जी,कवयित्री निधि देश जी,कवयित्री वैशाली रस्तोगी जी, कवि अनिरुद्ध धोंगाड़े जी इंडोनेशिया से, कवयित्री चित्रा गुप्ता जी अध्यक्ष सिंगापुर,कवयित्री रीता पांडेय जी सिंगापुर से,कवयित्री डा. अंजलि मिश्रा जी अध्यक्ष श्रीलंका से, कवयित्री पूर्णिमा सिंह जी ,कवयित्री सुरभि बोहरा पारख जी ओमान से, कवयित्री श्रीमती निवेदिता राॅय जी बहरीन से, कवयित्री निशा झा जी आबू धबी से, कवयित्री अनुपमा चतुर्वेदी जी, कवयित्री डा. राधिका गुलेरी भारद्वाज जी कुवैत से, कवयित्री करूणा 'टीना' जी दुबई से,कवयित्री वंदना राज जी कतार से, कवयित्री अबिदा मुहिब जी अध्यक्ष सऊदी अरब ने अपनी मनमोहक रचना सुनाई।
महिला काव्य मंच के संस्थापक नाज़ सर जी ने बतलाया कि ये अब तक की
मकाम की सबसे बड़ी काव्य गोष्ठी हुई है, जिसमें देश विदेश के कोने- कोने से कविगण उपस्थित हुए एवं आजादी की पूर्व संध्या को अमृत महोत्सव बना दिया।