रश्मि अग्रवाल
प्रत्येक प्रकार के वृक्षों का महत्व होता है। जैसे- मार्गों पर वृक्षारोपण से प्रदूषण से मुक्ति मिलती क्योंकि मार्गों के किनारों पर लगे पेड़, वाहनों से उत्सर्जित गैसों व प्रदूषकों का अवशोषण कर इन मार्गों के वातावरण को काफी हद तक शुद्ध बनाते और हरियाली के साथ यात्रा भी सुगमता से पूर्ण हो जाती है क्योंकि प्रकृति आँखों के साथ-साथ विचारों को भी संयत करने का कार्य करती जैसे- कूड़े-कचरे के स्थान पर, दो मिनट खड़े रहने पर नकारात्मक विचारों का प्रवेश होने लगता, वहीं हरा-भरा वातावरण, मुस्कुराहट व शुद्धता को जन्म देता है। लेकिन सड़क के किनारों में कोई भी वृक्ष नहीं, बल्कि वो वृक्ष लगायें जो शीघ्र वृद्धि करके, बड़े छत्र आकार वाले हों, जिनकी छाया सड़कों पर पड़ती हो। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु नीम, महुआ, आम, इमली, जामुन, बरगद, पीपल, अशोक, शीशम, सागौन, नारियल और खजूर आदि हैं। इसी प्रकार औषधी युक्त पेड़ तुलसी, बरगद, जामुन, पीपल, बेल, एलोवेरा आदि होते हैं। आवास के अन्दर रखने वाले पेड़ जो वायु को शुद्ध करते और सकारात्मक ऊर्जा देते, वे स्नेक प्लांट, मनीप्लांट, रबर प्लांट, एरिका पाम आदि रखने चाहिएँ।
तात्पर्य है कि अगर पारदर्शिता से उपयुक्त जाति के वृक्षों का रोपण किया जाए तो बंजर मार्ग भी आकर्षक नज़र आता और मनोहारी दृश्य, आँखों को शीतलता प्रदान करता है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को वृक्षारोपण अवश्य करना चाहिए और उनका पालन-पोषण अपनी संतान की भाँति करना चाहिए न कि संख्या बढ़ाने या कागज़ी कार्य सम्पूर्ण करने हेतु पौधों का रोपण करना।
रश्मि अग्रवाल
नजीबाबाद
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