दो शब्द....
हर साल इस महीने में यह तारीख़ आती है।कुछ खास है इसमें।आज मेरे माता-पिता ने मुझे इस संसार को समर्पित किया था।आज ही मेरे बुजुर्गों के आँगन व सानिध्य में मेरी पहली किलकार गूँजी थी।
जी हाँ! आज मेरा जन्मदिन है।सुख-दुःख के अनेक झोंको व झंझावातों के बीच उम्र ने आज सफलतापूर्वक (49) उन्चासवां विकेट ले लिया है।आप सभी की शुभकामनाओं का आकाँक्षी हूँ।
निश्चय एक किया है ,उर में अहं नहीं भरने दूँगा।
ईर्ष्या,जलन,द्वेष को इकपल पाँव नहीं धरने दूँगा।
कहता हूँ अपनी साँसों से,हिम्मत बस देती रहना-
मिट जाऊँगा तन से,लेकिन नाम नहीं मरने दूँगा।
■अमित शिवकुमार दुबे
दि ग्राम टुडे प्रकाशन समूह परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं बहुत बहुत बधाई