शहीद की बेटी


रेखा रानी

मेरठ से भारत चीन हमले में शहीद हुए हवलदार विपुल रॉय के घर जब उनकी पत्नी रुंपा को यह दुखद समाचार मिला तो परिदृश्य ही बदल गया, मां को सामान बांधते हुए देख सत्य से बेखबर मासूम बेटी तम्मन्ना क्या कह रही है सुनिए।

  

     अब कहां की तैयारी ,

 कर दी मम्मा बोलो।

      आने दो पापा को , 

      संग साथ चलेंगे मां, हम सैर सपाटे को।

      आते होंगे पापा इतनी भी जल्दी क्या।   

      भूखे होंगे पापा,

  ब्रेकफास्ट बनाया क्या।

      अपनी धुन में बेटी ,

कहती ही जाती है।

       पापा जो लाए थे,

 मेरी ड्रैस निकाली क्या।

       क्या ढूंढ रही हो गुमसुम सी,

        कुछ तो मम्मा बोलो ।

        आने दो पापा को,

क्यों कुछ भी नहीं बताती हो,

चुपचाप किसी उलझन में हो,

 क्यों लपक फ़ोन पर जाती हो।

  बाहर क्यों लोग इकट्ठा हो

   बातें करते हैं पापा की।

   कोई ईनाम मिला है क्या,

   या हुई तरक्की पापा की।

   मैं भी तो उनकी बेटी हूं , 

   कुछ तो मम्मा बोलो।

   आने दो पापा को।

   जो जीत के आएंगे,

   आते ही मुझे अपने 

कांधे पे बिताएंगे।

    मेरी प्यारी गुड़िया की 

नई ड्रेसेज लाएंगे।

       सारी फरमाइश मेरी

 पूरी कराएंगे।

      आपकी भी लाएंगे  

साड़ी मम्मा बोलो।

      आने दो पापा को।

  दरवाजे पर दस्तक 

जैसे पापा देंगे।

  आते ही मैं उनको

 जयहिंद बोलूंगी।

  मां थाल सजा लेना,  

तुम स्वागत करने को।

   मैं थाली बजा दिल से 

वन्दे मातरम् बोलूंगी।

   आने दो पापा को।

   रेखा सबसे न्यारी गुड़िया

, हूं न मम्मा बोलो।

       

   रेखा रानी,

    विजयनगर गजरौला,

    जनपदअमरोहा,

      उत्तर प्रदेश।

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