बेटी एक वरदान



पद्मा मिश्रा

ईश्वर का एक अनमोल सा वरदान है बेटी

मां के हृदय की ममता का सम्मान है बेटी

घर अंगना महकते है जिसकी सुरभि से आज

पलकों में पले सपनों की मुस्कान है बेटी

सुख दुख में सदा साथ है, वो मित्र की तरह

दुनिया की भीड़ में मेरी पहचान है बेटी

सीता सी है पवित्र मन की भावना लिए

मंदिर में जले दीप सा , दिनमान है बेटी

आंचल में खिले फूल सी,,तुलसी की गंध में

गर्वित पिता के भाल का अभिमान है बेटी

ईश्वर ने जिसे वेद की ऋचा बना दिया

मुखरित सृजन के मंत्र का सहगान है बेटी

मां हो, बहन,सखी हो या सहधर्मिणी बनी

दोनों कुलो की लाज है, सम्मान है बेटी

ईश्वर का दिया अनुपम, वरदान है बेटी

पद्मा मिश्रा जमशेदपुर झारखंड

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं प्रो आराधना प्रियदर्शिनी जी हजारीबाग झारखंड से
Image