पटल पर उपस्थित समस्त प्रबुद्ध गुणी जनों को नमन करते हुए विश्व पिता दिवस के अवसर पर प्रस्तुत है मेरी रचना।
आभा सिंह
हमारे पिता हमारे लिए पालन हैं,पोषण हैं,पारिवारिक अनुशासन हैं,
हमारे पिता हमारे जीवन के संबल हैं ,सुरक्षा है ,प्रेम का प्रशासन हैं..
हमारे पिता हमारे आदर्श, गुरू और सदी के महानायक हैं,
दुबली काया,बरगदी छाया वे हमारे लिए एक फरिश्ता हैं!!
वे मुश्किल की घड़ियों में अक्सर हमारे साथ खड़े हैं,
हमारी लाख कमियों के बावजूद वे पूरी दुनिया से लड़े हैं..
सारे संसार ने माँ की ममता को तो स्वीकारा है,
पर पिता की परवरिश को कब किसने ललकारा है..
उनकी हिम्मत हमारी ताकत है वे ही हमारे अन्नदाता हैं!!
उनके हौसलों ने कभी ना हमारी आँखे नम होने दिया,
ज़ितनी थी ज़रूरतें हमारी सब तो उन्होनें पूरा किया..
उनके ज़ज्बों की बदौलत मुश्किलों से लड़ लेंगें हम,
ज़ब तक सर पर उनका साया जो चाहे कर लेंगें हम..
अपने पिता के चरणों में शत -शत नमन वे हमारे जीवनदाता हैं!!
(ये मेरी कविता स्वरचित और मौलिक है।)
आभा सिंह
लखनऊ उत्तर प्रदेश