अमित कुमार बिजनौरी
पिता जब तुम थे ।
महकाया खुशियों से संसार
मेरे जीवन के तुम्हीं
असली थे अवतार ।।
पिता तुम्हारे बोल
गूँज रहे चितवन में
संस्कार दिये और
उपकार किये जीवन में
सुंदर सलोना दिया तुमने
जीवन को आधार ।
मेरे जीवन के तुम्हीं.....
धन्य धन्य है पिता साक्षात
ईश्वर का रूप
पिता का जैसे जग में
कोई नहीं अनूप
समय समय पर डाट
पिलाई दिया एतबार
मेरे जीवन के तुम्हीं......
नेम व्रत पूजा और
प्रभु से माँगी खैर
सदा यही सिखाया
नहीं करना तुम बैर
पिता जी की शिक्षाओं
का जीवन में निखार
मेरे जीवन के तुम्हीं ....
@अमित कुमार बिजनौरी
स्योहारा बिजनौर
उत्तर प्रदेश
स्वरचित
मौलिक