यादें





डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

अतीत की यादें हमें रुलाती है

वो बरसात की रातें सताती है


ख्वाब में रोज वो चली आती है

उसकी बातें हमें याद आती है


कोई तो दिल को समझा सके

ये धड़कनों को क्यों बढ़ाती है


रुके नही बहते आँख के आँसू

वो हमें याद कर कर गिराती है


खून के खत लिखे थे तुमने जो

पढ़कर उन्हें वो आँसू बहाती है


डॉ. राजेश कुमार शर्मा पुरोहित

कवि,साहित्यकार

भवानीमंडी

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image