तुम्हारी बन जाऊं श्याम
मेरा भी तुम संग चढ़ जाए नाम
यही विनती करुँ दिन रात
वो मेरे श्याम, वो मेरे श्याम,
जब जब सुनूँ मै बंसी की आवाज़
करने लगती हूँ मै जल्दी जल्दी साज
दौड़ कर मै यमुना के तीरे बैठ जाऊँ
वो मेरे श्याम, वो मेरे श्याम,।।।
जप्ति रहती तुम्हारा ही नाम
जब जाऊँ मै वृंदावन धाम
बोलती हूँ राधेश्याम राधेश्याम
वो मेरे श्याम, वो मेरे श्याम,।।।
हमारा देश बदल रहा है
उन्नति में चल रहा है
तरह -तरह फसल उपज हो रहा है
नए -नए तरह खोज कर रहा है
गर्व है देश पर गर्व है नेता जी पर
सबका मदद हो रहा है
धीरे धीरे ही सही पर
विकास की ओर बढ़ रहा है
अपने देश में अभिमान है हमें
तरह- तरह का योजना चल रहा है
करती हूँ शत शत नमन
सभी देश वाशियों को
जो सब साथ मिलकर चल रहे हैं।।।
अर्पणा दुबे अनूपपुर
मध्यप्रदेश ।