कमल राठौर साहिल
सुबह उठो तो मुस्कुरा कर उठो
सूरज जैसी ऊर्जा के साथ उठो
खिलते फूल जैसे उठो
बहती नदियों की अटखेलियाँ
जैसी मोज़ की तरह उठो
परिंदों की उम्मीदों जैसे उठो
ओर उस दिन को
जी भर कर जियो
सारा रस निचोड़ कर
उस दिन का आनन्द लो
उसी दिन को अंतिम दिन
समझ कर उल्लास से जिओ
एक दिन ऐसा आएगा
जब सूरज भी उगेगा
फूल भी खिलेंगे
परिंदों की उम्मीदें भी होगी
झरनों की उमंग भी होगी
मगर तुम नही होंगे
तुम नही उठोगे
काली रात तुम्हारे
प्राण हर लेगी
कमल राठौर साहिल
शिवपुर , मध्यप्रदेश
9685907895