उम्मीद

निवेदिता रॉय

मन में उम्मीद ये है जागी 

काली रात गुज़र गई है अभागी

आफ़ताब ने ली है अंगड़ाई 

कोहरा भी है छट गया 

शिफ़ा की रोशनी है आई 

शजर पर शाख़ है लहराई 

कली पर तितली है मँडराई 

कुदरत भी कुछ यूँ गुनगुनाई

‘हम होंगे कामयाब ‘...की मधुर धुन गाई 


निवेदिता रॉय (बहरीन)

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं इंदौर मध्यप्रदेश से हेमलता शर्मा भोली बेन
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
हिंदी दिवस
Image