सत्य


देवकी दर्पण

सत्य ही गवा है रोज सत्य ही जवां है रोज। 

मोज देर कितनी असत्य कर पायेगा। 

विजय श्री वरण सदा से सत्य को ही करे। 

सत्य से चटक रंग झूठ नही पायेगा। 

लूटमार फूकमार हूकमार चूकमार,

दूकमार जादू कब तक चल पायेगा। 

तर्क तर्क व वितर्क गर्क बेड़ा कर देगा, 

ना असत्य सत्य पर  बोझ धर पायेगा।। १।। 



सत्य ही खरी है धार, झूठ की सदा ही हार। 

बनता गवार क्यो तू जिन्दगी सुधारले।

झूठ नर्क सत्य स्वर्ग, मत कर बेड़ा गर्क। 

फर्क इतना तू पहचान, नैया तारले।

लहरे विशाल पर होना ही नही बैहाल।

तू आत्म विश्वास रख जिन्दगी उबारले।

होना नही है हतास सत्य गर खड़ा पास। 

मत हो उदास प्यारे जिन्दगी सवारले।।२।। 



सच की पकड़ राह,होता काहे गुमराह, 

बाह झूठ की पकड़,चल नही पायेगा। 

जीवन की एक झूठ, देशी मय की है घूट, 

घूट घूट बढ़ती सम्भल नही पायेगा। 

बिगड़ेगा हाल सवालो पर होगें सवाल, 

हर काम मे खलल हल नही पायेगा। 

सच को ही रच पग पग असत्य से बच, 

जटिल पहेली से निकल नही पायेगा।। ३।। 


सत्य कड़वा है सदा, जान सत्य ही है सुधा, 

कड़वी दवाई ही तो रोग नास करती । 

कड़वे से मत डर उतरेगा तेरा ज्वर, 

बिना स्वाद की मुलेठी स्वर वास करती। 

प्रलोभन तो पुकारे धरती न छोड प्यारे, 

सत राह हमेशा मंजिले पास करती। 

सत्य कर्म निष्ठता घनिष्ठता लिए बेठी है, 

सत्य मे ही शिष्ठता सदा से रास करती।। ४।। 

🌷देवकी दर्पण🌷✍

काव्य कुंज रोटेदा 

जिला बून्दी( राज.)

 पिन 323301 

मो. वार्सप 9799115517.

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