रीमा ठाकुर
जग के रखवाले राम, दुख हरो हमारे श्याम "
दशरथ के तुम हो दुलारे , नन्द बाबा को हो प्यारे!
तुममे मे ही बसते प्राण, दुख हरो हमारे श्याम!!
शबरी से नेह लगाया , गोपियों संग रास रचाया,
सीता के प्राण आधार, राधा के प्रेम प्रकाश!
तुमसे ही मेरी आस, दुख हरो हमारे श्याम!!
केवट को पार लगाया, द्रोपदी की लाज बचाया.
इस जग के पालनहार, सृष्टि के तारणहार!
अब सुन लो मेरी पुकार, दुख हरो हमारे श्याम!!
जग के रखवाले राम, दुख हरो हमारे श्याम!!!
रीमा महेंद्र ठाकुर
लेखिका
रानापुर झाबुआ मध्यप्रदेश भारत