मेरे ख्याल तेरे गुलाम

 

जितेन्द्र 'कबीर'

मेरे ख्याल मंडराते रहते

मधुमक्खियों की तरह

आस-पास तेरे हर बार,

सम्मोहित हुए से झूमते

तेरे इश्क की खुशबू में,

पीछे आते तेरे बार-बार,


अदाओं पर तेरी रीझते

हुए, हर नजर पर तेरी

खुद को करते निसार,


हंसते देख तुझे खिलते

हुए, देख उदासी तेरी

सुबकने को होते बेजार,


सांसों से तेरी महकते

हुए, जुल्फें संवारने को

कभी तेरी होते बेकरार,


कदमों में तेरे बिछते

हुए, तेरी राहों के कांटे

खुद पर लेने को तैयार,


तेरे समय को तरसते

हुए, रूठते हुए कभी

मनाने का करते इसरार,


मेरे ख्याल गुलामी करते

तेरी और फिर भी जताते 

उसके लिए तेरा आभार।

 जितेन्द्र 'कबीर'

संप्रति - अध्यापक

गांव नगोड़ी डाक घर साच 

तहसील व जिला चम्बा

 हिमाचल प्रदेश

संपर्क सूत्र - 7018558314

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