कवियित्री डॉ मंजु सैनी की रचनाएं


बरसात आने से


बरसात आने से

भीनी भीनी सुगंध फैलती है

महक उठता है उपवन सारा


बरसात आने से

आ जाती है बहार

चारों ओर होती हरियाली


बरसात आने से

दिल में भी होती उमंग

खिल उठता है तन मन सबका


बरसात आने से

मुझ को वही मिलता अवसर

कुछ लिखने लिखाने का


बरसात आने से

होता सुन्दर मधुर आभास

खिलखिलाए जैसे संसार


बरसात आने से

जानलेवा गर्मी होती दूर

या ठंडक होती मौसम में


बरसात आने से

वह हर उम्र के लोगो में

कराती सुखद अहसास


बरसात आने से

बून्द की धुन में विभोर

लिखती मंजू कविता

बात करें

हम खास वक्त के इंतजार में ही क्यो आ

   बात करे....

      क्यो न इस वक्त को खास बनाने की कोशिश की

          बात करे...

               बारिश के सुरूर को आ कैद करने की

                      बात करे...

मोर नाचते हैं बारिश को देख आ हम भी पाँव चलाने की

     बात करे...

         फूल खिल उठे हैं आज हम खिलखिलाने की 

              बात करे...

                 तितलियां मचली आज हम भी मचलने की

                       बात करे...

पेड़ पर हमसफ़र बन लता से आ हम भी बनने की

     बात करे...

       आगोश में बून्द आज धरती की सी आ हम भी

           बात करे...

              दादुर बोलते बारिश प्रेम में आ हम भी प्रेम की

                  बात करे...

बिजली खुश बारिश आगमन से आ हम भी आने की

    बात करे...

        प्रेमी भीग रहे आज आ हम भी भीगने की

             बात करे...

                 हम भी साथ बैठ आज अपनी ही बस

                     बात करे...

डॉ मंजु सैनी

गाज़ियाबाद

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