जिंदगी की कहानी को दिया जिसने उजाला है
हाल उसकी सुनाऊँ क्या, रौंद उसने डाला है
सुना है जो बड़े हैं नफरत नहीं करते
जख्म नहीं देते, वो जख्म नहीं करते
देखा है पाया मैंने दिल उनका काला है,
हाल.....।
रहमान नहीं होता तो लोग रौंदे होते
आबरू नहीं छोड़ते, आबरू रौंदे होते
मेहनत जो करते हैं, खाली उनका गल्ला है,
हाल .... ।
गगन से चली रौशनी, झोपड़ी में संवर गई
आँगन की जमीं अपनी आँगन में बिखर गई
जिंदगी की कहानी को दिया जिसने उजाला है,
हाल.... ।
विद्या शंकर विद्यार्थी