मधु अरोड़ा
जिम्मेदारी के एहसास तले ,
आ चल थोड़ा सा प्यार करें।
तू बन जा राधा मेरी ,
मैं बन जाऊं मोहन तेरा ।
मीठी मीठी बतिया हो,
प्यार भरी फिर रतिया हो।
तेरे प्यार पर बस हक हो मेरा,
तू मेरी चांदनी बन जा ,
मैं बन जाऊं चांद तेरा ।
जिम्मेदारी के एहसास तले ,
चल कहीं प्यार करें।
चलकहीं प्यार करें।
तू जल की निर्मल धारा बन जा ,
मैं सागर बन जाऊं तेरा ।
बस प्यार ही प्यार करें ,
जिम्मेदारी के एहसास तले,
थोड़ा सा खुद के लिए जी ले ,
उन्मुक्त पवन के झोंके सा,
बस प्यार करें बस प्यार करें।।
दिल की कलम से