विनोद कुमार पाण्डेय
बनाया उसी ने इतिहास
जिसमें था कुछ करने का उमंग,
रहा सुख दुख में सबके संग,
बुरे हालात में बदला न रंग,
वही बन कर रहा खास,
बनाया उसी ने इतिहास।
था जिसमें सेवा का भाव,
पार लगाया मजधार में फंसी नाव।
पर दुख में जो रहा सहायक,
जनता ने स्वीकारा उसे अपना नायक,
बनाया उसी ने इतिहास।
जाति, धर्म, मज़हब को छोड़,
अपने पराये के बंधन को तोड़,
किया जिसने सर्वहित का कार्य,
जनता को निरंतर रहा स्वीकार्य।
बनाया उसी ने इतिहास।
विनोद कुमार पाण्डेय
शिक्षक (हरिद्वार)