डॉ मंजु सैनी
बहुत तकलीफ देता है....
माँ तेरा ख्वाबों मे ....
ख्वाब बन रह जाना...
बहुत तकलीफ देता है....
ममता की छाँव छीन जाना....
अदृश्य परछाई हो जाना....
बहुत तकलीफ देता है....
तेरा यूँ छोड़ कर चल देना....
तेरे आशीष को तरस जाना....
बहुत तकलीफ देता है....
मेरी तकदीर में लिखा...
मेरी मां से जुदाई का....
बहुत तकलीफ देता है....
बिन आशीष यूँ ही ....
दुनिया में रह जाना....
बहुत तकलीफ देता है....
तेरे बिन रह कर....
यूँ अनाथ कहलाना....
बहुत तकलीफ देता है....
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद