मिलने मिलाने का न अभी सिलसिले रखो।
जायेंगे दिन ये बीत थोड़ा हौसले रखो।
कहीं प्यार में तुम्हारे कोरोना छिपा न हो,
परदेशी कुछ दिनों के लिए फासले रखो।।
अपना अपना खयाल रखो, तनाव नहीं, सद्भाव बढ़ाये।।
व्यस्त रहें, मस्त रहें।।
डाःमलय तिवारी
बदलापुर जौनपुर
क़ातिल ही बन के मुन्सिफ, बैठे हुए दरबार में।
मजबूरियों के मोल तोल, हो रहे बाजार में ।
कैसे पहुँचेगी ये दुल्हन ,अपने पिया के देश,
डोली के लुटेरे ही सब, शामिल हुए कहांर में।।
डाःमलय तिवारी
बदलापुर जौनपुर