सुशील कुमार भोला
मेरे ख्याल से
रुख़सत न होना अभी,
कुछ गमों का
हिसाब बाकी है अभी।।
परेशान अब तो
आँसू भी नहीं करते,
रूठे हैं-बहते नहीं
एक तो बहाना दे दो कभी।।
रातें उदास हैं
संग संग जो जागते थे,
बेसहारा तुझसे हुए
सपने भी छोड़ गए सभी।।
नींद का खुमार है
या खुमारी नींद की है,
भूलने की कोशिश हो
याद मयखाने की आती तभी। ।। ।
🌹सुशील कुमार भोला
जम्मू