साथी हो मेरे तुम जीवन साथी,

 

सुशील कुमार भोला

साथी हो मेरे तुम जीवन साथी, 

क्या साँसों तक साथ निभाओगे ?

साँसों का क्या है कभी नर्म भी होंगी, 

साथ रहोगे या अन्य संग दिन बिताओगे ?

सूर्य वही रात वही पर दिन गति बदलता है,

कल मजे में गुजरा आज का नहीं कुछ पता है,

फूलों संग मिल बैठ लिया 

चुभ गया अगर कोई नश्तर 

तो क्या तुम सहलाओगे ?

उम्र कुछ बढी हुई पर दिल अभी जबां है,

सोया शख्स हर सुबह उठे यह लिखा कहाँ है,

सूर्य चढे न उठ सका अगर 

क्यों उठा नहीं 

क्या पूछने मुझे तुम आओगे ?


🌹सुशील कुमार भोला

                       जम्मू

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