पूजा झा
कैसे मै ईद मनाऊं
देश मेरा जब रो रहा है
लाल कई माओं का
मौत की नींद सो रहा है
कैसे मैं ईद मनाऊं
देश मेरा जब रो रहा है!!
कई के टूटे होली के सपने
कई के छूटे ईद में अपने
सपनों के पलने में फिर
दिल भी दिलासे दे रहा है
कैसे मैं ईद मनाऊं
देश मेरा जब रो रहा है....!!
विज्ञान बना ऐसा सौदागर
मौत बांटता हर दिन हर पल
सांसों की कीमत पर इंसा
घर बार सब बेच रहा है
कैसे मैं ईद मनाऊं
देश मेरा जब रो रहा है!!
सिमट रही रिश्तों को डोरी
तन्हा वजूद पाकर कुछ थोड़ी
खुद से ही खुद की देखो
दिल भी शिकायत कर रहा है
कैसे मैं ईद मनाऊं
देश मेरा जब रो रहा है!!
# puja#