चहार दीवारयॉं ...

 

राकेश चन्द्रा

काश ! तुम समझ पाते

कि अपने पड़ोसी की बौनी

छाया से बचने के लिये

ऊॅंची दीवारें जरूरी नहीं कि तुम्हारे

मुस्कुराते मुखौटे के पीछे

का खालीपन-हमें अपनी हीनता

का अहसास करा देने के लिये

काफी है.


ये चिकनी-चुपड़ी दीवारें

मेरे टूटे-फूटे आंगन का मजाक तो

उड़ाती रहीं- पर खुरदुरे यथार्थ पर

खड़ा मैं.


दुःख की अनुभूति से परे था]

और मेरी आत्मा

चहार-दीवारियों में बन्दिनी

न होकर आज भी है उन्मुक्त

अपने गंतव्य की आकांक्षा में

प्रतीक्षारत्.     


राकेश चन्द्रा

610/60, केशव नगर कालोनी, 

सीतापुर रोड, लखनऊ

 उत्तर-प्रदेश-226020,              

दूरभाष नम्बर : 9457353346

rakeshchandra.81@gmail.com

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