नूर फातिमा खातून नूरी
मन्दिर -मस्जिद हर साल बनाएं
आओ अब तो अस्पताल बनाएं।
मरीज कैसे बेमौत मर रहे हैं
हर पल मौत से डर रहे हैं
कैसे फैल रही ये महामारी
जाने किसकी आ जाये बारी
धर्म के नाम पर ना जंजाल बनाएं
आओ अब तो अस्पताल बनाएं।
हालात को अब समझना होगा
अपनी सोच को बदलना होगा
सरकार को मजबूर करना होगा
समस्याओं को दूर करना होगा
जागरूक सबको हर हाल बनाएं
आओ अब तो अस्पताल बनाएं।
सेहत ठीक तो नमक रोटी खालेगें
घर में ही पूजा, नमाज करा लेंगे
अपने पैरो पर खड़ा हो देश हमारा
फैले हर जगह ये संदेश हमारा
अपने जीवन को न जंजाल बनाएं
आओ अब तो अस्पताल बनाएं।
नूर फातिमा खातून नूरी
शिक्षिका
जिला-कुशीनगर
उत्तर प्रदेश
मौलिक/स्वरचित