यादों के झरोखों से



अतुल पाठक " धैर्य "

दिल से जुड़ी हैं आपकी यादें,

और हमेशा दिल में रहेंगी आपकी यादें।


दुनिया से आपका शरीर जुदा हुआ है,

आपके गुण व्यक्तित्व अभी भी बाकी हैं।


आपकी अच्छाई आपके अपनत्व भाव,

यहीं तो हैं हमारे आसपास।


आपका स्नेह प्यार और दुलार,

मैं महसूस करता अब भी हूँ।


मेरी कलम को प्रेरणा देते थे तुम,

मेरे प्रेरणास्रोत आज भी हो तुम।


बेशक दुनिया के लिए छोड़कर चले गए हो तुम,

पर मेरे लिए अब भी दिल में रह गए हो तुम।


सबके साथ खड़े रहते तुम,

उन लम्हों को दोहराते हम।


उगता हुआ आफ़ताब या ढलती शाम हो तुम,

अंतिम साँस तक यादों में नज़र आआगे तुम।


यादें वो सहारा हैं जिन्हें कोई छीन न पाएगा,

अमर रहेगा नाम तुम्हारा दिलो दिमाग से न जाएगा।

रचनाकार-अतुल पाठक " धैर्य "

पता-जनपद हाथरस(उत्तर प्रदेश)

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