समीर द्विवेदी नितान्त
खीर में पड़ गया नमक हो ज्यों..।।
ऐसी बेस्वाद बात कर दी क्यों..।।
आप भी सच्चे, बात भी सच्ची....
फिर भला नागवार गुजरी क्यों..।।
आज भी हाल है वही मेरा...
छोड़ कर तुम गए थे ज्यों का त्यों..।।
कुछ तो है बात आप में ऐसी...
वरना हम हो गए दिवाने क्यों..।।
समीर द्विवेदी नितान्त
कन्नौज.. उत्तर प्रदेश