पोषण से भरपूर हो आपका भोजन, इन चीजों को करें डाइट में शामिल

डॉ सारिका ठाकुर "जागृति"

अपनी व्यस्तता भरी दिनचर्या में लोग सबसे ज्यादा अनदेखी खाने की करते हैं। जल्दी-जल्दी में बिना इस बात की परवाह किए खा लेते हैं कि उन्हें उस आहार से भरपूर पोषण मिल रहा है या नहीं। परिणाम यह होता है कि एक समय बाद ऐसे लोग कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं की गिरफ्त में आने लगते हैं। अगर आपकी आदत भी भोजन में पोषण की अनदेखी करने की है तो स्वस्थ रहने के लिए अपनी इस आदत पर लगाम कसिये। खुद को स्वस्थ रखने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आपका आहार पोषण से भरपूर हो।


भोजन में क्या शामिल करना है जरूरी

अपने भोजन को पोषण से भरपूर बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप उसमें दैनिक तौर पर प्रोटीन, विटामिन, कैल्शियम, खनिज-लवण और एंटी ऑक्सिडेंट्स की संतुलित मात्रा शामिल करें। अपने भोजन में उन चीजों को शामिल करें, जिनमें 

आपको पोषण देने वाली ऐसी तमाम चीजें पर्याप्त मात्रा में हैं।



अलसी के दाने 

फ्लैक्स सीड या अलसी के दाने में भरपूर मात्रा में फाइबर और शरीर को पोषण प्रदान करने वाला ओमेगा-3 फैटी एसिड मिलता है। एक बड़े चम्मच अलसी के दाने को भूनकर पीस लें। इसे किसी भी खाने के ऊपर छिड़ककर खाने से आपके भोजन में शामिल अनाज में मौजूद फाइबर में दो-तीन ग्राम फाइबर की बढ़ोतरी हो जाती है। हाल ही में हुए सर्वेक्षण में पाया गया है कि जो लोग नियमित तौर पर अपने आहार में अलसी के दाने का इस्तेमाल करते हैं, उनमें अन्य लोगों के मुकाबले किसी भी प्रकार के कैंसर मसलन, बे्रस्ट, प्रोस्टेट और कोलोन की आशंका न के बराबर होती है। इसके अलावा नियमित तौर पर अलसी के बीज का इस्तेमाल करने से त्वचा और बाल हेल्दी होते हैं, मोटापा कम होता है, कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है और पाचन तंत्र सही तरीके से काम करता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सिडेंट शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर किसी भी तरह की बीमारी की आशंका को कम करते हैं। सही पोषण के लिए अपने आहार में प्रतिदिन एक या दो बड़े चम्मच भुने हुए अलसी के बीज शामिल करें। आप भुने हुए अलसी के बीज का पाउडर बनाकर उसमें थोड़ा नमक मिलाकर चटनी की तरह भी उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।


बीन्स

बीन्स में घुलने वाले फाइबर्स की भरमार होती है, जिनका सेवन दिल के लिए अच्छा है। यह शरीर से अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल को सोखने का काम भी करते हैं। सर्वेक्षण में यह बात साबित हुई है कि घुलनशील फाइबर शरीर में मौजूद 10-15 प्रतिशत कोलेस्ट्रॉल को सोखकर शरीर से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हैं। बीन्स में प्रचुर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट तत्व भी पाये जाते हैं। इसके अलावा इनमें प्रोटीन की मात्रा किसी दूसरे पत्ते वाले भोजन के मुकाबले ज्यादा होती है, लेकिन इनमें मौजूद प्रोटीन अधूरा होता है। इसलिए खाली बीन्स खाने की बजाय इन्हें चावल या रोटी के साथ खाना फायदेमंद रहता है। राजमा, लोबिया आदि सूखे खाने की बजाय इन्हें चावल और रोटी के साथ खाने से आप अपने शरीर के लिए जरूरी पोषण को पूरा कर सकते हैं। एक चौथाई कप बीन्स में एक बार में खाये जाने वाले मीट के बराबर पोषण होता है। इसलिए अगर आप शाकाहारी हैं तो बीन्स आपके लिए प्रोटीन का बेहतरीन स्रोत हैं। आप बीन्स को भिगोकर सलाद में भी मिलाकर खा सकते हैं।


दही

दही में मिलने वाला कैल्शियम हड्डियों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स शरीर को पोषण प्रदान करने के साथ-साथ रोगों से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। अपने आहार में नियमित तौर पर एक कटोरी लो फैट दही का इस्तेमाल करें। आप इसे सुबह के नाश्ते में या लंच में ले सकते हैं। एक बाउल लो फैट दही में कीवी, स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, सेब, नट्स मिलाकर आप इसकी पौष्टिकता और फायदे को कई गुणा बढ़ा सकते हैं। दही के सेवन से पेशाब के संक्रमण और वेजाइल संक्रमण से मुक्ति मिलती है। दही का इस्तेमाल आप  किसी भी तरह से कर सकते हैं। चाहे इसे सलाद में मिलाकर खायें या रायता बनाकर, यह हर रूप में पोषण प्रदान करता है। 



ऑलिव ऑयल 

ऑलिव ऑयल यानी जैतून के तेल में हेल्दी फैट की बहुतायत होती है। इसमें कोलेस्ट्रॉल की मात्रा न के बराबर होती है। इसमें भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट भी होते हैं। सब्जी बनाने के लिए सरसों के तेल या रिफाइंड की बजाय ऑलिव ऑयल का इस्तेमाल करें। इसके सेवन से आपके दिल की सेहत दुरुस्त रहेगी और मोटापा भी नहीं बढ़ेगा। अपने शरीर को पोषण प्रदान करने के लिए आप प्रतिदिन अपने आहार में एक टेबल स्पून ऑलिव ऑयल को शामिल करें। आप इसका इस्तेमाल सलाद और सब्जी बनाने में कर सकते हैं, लेकिन ऑलिव ऑयल को ज्यादा तेज आंच पर नहीं पकाया जाता, इस बात का ध्यान रखें।


ग्रीन टी

ग्रीन टी एंटीऑक्सिडेंट तत्वों का बेहतरीन स्रोत है। ग्रीन टी में जितनी मात्रा में एंटीऑक्सिडेंट्स मौजूद होते हैं, उतने किसी भी अन्य पदार्थ में नहीं होते। नियमित तौर पर ग्रीन टी के सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने के साथ-साथ शरीर में विद्यमान अतिरिक्त कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी घटती है। यह शरीर में रक्तसंचार को सुधारने में भी लाभदायक होता है। 


खाएं ताजे फल और सब्जियां

जहां तक हो सके, ताजे फल और सब्जियों का इस्तेमाल करें। इनमें ज्यादा पोषण होता है। फलों और सब्जियों को खरीदने के 72 घंटे के भीतर ही खा लें। इसके बाद फल और सब्जियों में से 15 से 60 प्रतिशत तक पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। एक बार में दो दिन से ज्यादा के लिए सब्जियां और फल बिल्कुल न खरीदें।



भोजन से ऐसे पाएं पोषण

खाने से सही पोषण पाने के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप यह जानें कि किस चीज को किस रूप में खाना ज्यादा फायदेमंद है। अगर आप फ्रूट्स को पकाकर खाएंगे तो इनमें मौजूद पोषक तत्व नष्ट हो जाएंगे। इन्हें कच्चा खाया जाना ही ज्यादा फायदेमंद है। इसी तरह आप अनाज को कच्चा नहीं खा सकते। उसे खाने से पहले पकाना जरूरी है। एक दाल को दूसरी दाल के साथ मिला देने से उसके पोषक तत्व में बढ़ोतरी हो जाती है। अपने भोजन को कभी भी एक ही अनाज पर निर्भर न रखें। खुद को स्वस्थ रखने के लिए काबार्ेहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, विटामिन, खनिज लवण सबकी संतुलित मात्रा होना जरूरी है।


काटने से पहले धो लें फल-सब्जियां 

कई सब्जियां ऐसी होती हैं, जिन्हें काटकर धोने से उनके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियों को काटने से पहले धो लें। हरी सब्जियों को पकाने से पहले थोड़ी देर तक नमक वाले पानी में डुबो दें, जिससे इन पर छिड़के गये रसायन और बैक्टीरिया का असर कम हो जाए। कुछ सब्जियों को बहुत ज्यादा पकाने की वजह से इनके मिनरल्स और विटामिन्स निकल जाते हैं, इसलिए गाजर, मूली, खीरा, पत्तागोभी, ब्रोकली आदि को बहुत ज्यादा ना पकाएं। गाजर, खीरा, मूली को सलाद के तौर पर कच्चे ही खाएं। 


मिलाकर इस्तेमाल करें

भोजन बनाने की प्रक्रिया में जब आप एक साथ दो चीजों को मिलाकर बनाते हैं तो उसकी पौष्टिकता बढ़ जाती है। चावल और चपाती में काबार्ेहाइड्रेट की प्रचुरता होती है। दालों में प्रोटीन की बहुतायत होती है तो सब्जियों में विटामिन और मिनरल्स पाये जाते हैं। अपने एक समय के खाने में सारी चीजों को एक साथ खाने से भोजन की पौष्टिकता बढ़ती जाती है।


जरूरी है विटामिन और वसा

शरीर के लिए फैट यानी वसा की भी बहुत जरूरत होती है। इसके लिए आप अपने आहार में नियमित तौर पर डेयरी उत्पादों को शामिल करें। डेयरी उत्पादों से आपको भरपूर मात्रा में विटामिन ए, डी, ई और के की प्राप्ति होती है।


इन बातों का रखें ध्यान

1.कई बार आप सब्जियों को पानी में उबालकर पानी को फेंक देते हैं। इससे उनमें मौजूद 15 से 55 प्रतिशत तक पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं।

2. राजमा, छोले और दालों को धोकर पानी में भिगोएं, ताकि आप उस पानी का इस्तेमाल पकाते समय कर सकें। पानी फेंकने से दालों में मौजूद पौष्टिक तत्व कम हो जाते हैं।

3.हरी सब्जियों में ज्यादा तेल-मसाले डालकर ज्यादा देर तक भून कर ना बनायें, क्योंकि इससे उनकी पौष्टिकता नष्ट हो जाती है।

4. मीट, चिकन, मछली आदि को अच्छी तरह से पकाकर खाएं। 

5.अंडे को उबालकर खाना ऑमलेट के मुकाबले ज्यादा पौष्टिक होता है।

6.अपने नाश्ते में ब्रेड-बटर और परांठों की जगह एक कटोरी दही के साथ दलिया खाएं। आप चाहें तो दलिए की जगह अंकुरित अनाज का सेवन भी कर सकते हैं।

7. अगर आपके पास नाश्ता करने का समय नहीं है तो आप मुट्ठीभर अखरोट, बादाम और काजू खाकर भी अपने नाश्ते की जरूरत पूरी कर सकते हैं।

8. अपने आहार में फ्रोजन सब्जियों की बजाय ताजे मौसमी फलों और सब्जियों का ही इस्तेमाल करें।

9. अपने आहार में कच्चे और पके हुए भोजन का एक साथ इस्तेमाल करें। सलाद के तौर पर इस्तेमाल होने वाली चीजों को खाने के तुरंत पहले काटें।


डॉ सारिका ठाकुर "जागृति"

 लेखक, कवि, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता

   ग्वालियर (मध्य प्रदेश)

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