" जल ही जीवन है"



     मीना माईकेल सिंह   

   जल ही जीवन है,

   यह सदा से सुनते आए है।

   मिलती बड़ी आसानी से,

   यही मन को भरमाये है।

   बूँद-बूँद में बसा है जीवन,

   शायद! यह हम समझ पाते।

   तो आज इसे यूँ बर्बाद न करते।


आज सबकों हमें समझना है।

आने वाला कल तुम्हारा है।

स्वस्थ जीवन यदि चाहिये तुम्हें,

तो जल का बूँद-बूँद बचना है।


   नष्ट किया यदि जल को आज,

  नहीं मिटेगी कल तुम्हारी प्यास।

  घूँट-घूँट के लिये जब तड़पोगे,

 अपने किये पर तब पछताओगे।

     

          तब पछताने से क्या होगा

          जब चिड़िया चुन गई खेत

        संभलो आज नहीं तो कल,

      समय करा देगा तुमको चेत।


  स्वरचित-----

मीना माईकेल सिंह

कोलकाता

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