!! डूबता चला गया !!
गिरिराज पांडे
डूबता नहीं है कोई भाव से मरा हुआ
जो डूब गया भाव में वो डूबता चला गया
डूबना ही जिंदगी है खुशी में आज डूब लो
बस यही आज मैं सोचता चला गया
दुख से न भीगी कभी जीवन में आंखें मेरी
डूब भाव आंसू को बहाता मै चला गया
परोपकार में ही जीवन यहां बीते मेरा
मन में विचार ऐसा करता चला गया
कभी ना हुआ निराश जीवन में दुख देख
सुख दुख जीवन में आता और चला गया
गिरिराज पांडे
वीर मऊ
प्रतापगढ़