वीरेंद्र सागर
दुनिया में तू सबसे न्यारी है मां,
मुस्कान तेरी सबसे प्यारी है मां ||
मैं फूल हूं तेरे बाग का,
तू पूरी फुलवारी है मां ||
हंसता खेलता हूं तेरे साथ,
सबसे अच्छी यारी है मां ||
तेरे लिए मैं जितना लिखूं उतना कम है,
सारी दुनिया तुझ पर बलिहारी है मां ||
मेरी कलम की इज्जत है तुझसे,
मेरी इज्जत तूने सवारी है मां ||
-वीरेंद्र सागर
-शिवपुरी मध्य प्रदेश