दिल के अरमान

 


प्रज्ञा पांडेय

इस दिल के है बस दो ही अरमान,

एक सुकून का टुकड़ा और एक फुरसत वाली शाम।


बस मैं और मेरी तन्हाई हो,

और साथ में कुछ गज़ल रूबाई हो।


एक गर्म चाय का प्याला हो,

और कोई साथ में पीने वाला हो।


किसी सुनसान जगह पर जाना हो,

और साथ में यार पुराना हो।


कुछ यादों के किस्से हो,

सबके अपने हिस्से हों।


थोड़ी सी बेफिक्री हो और दोस्त हमारा जिगरी हो,

सर्दी का मौसम हो और अमरूद तले दुपहरी हो।


प्रज्ञा पांडेय

वापी गुजरात

pragyapandey1975@gmail.com

Popular posts
सफेद दूब-
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं यमुनानगर हरियाणा से कवियत्री सीमा कौशल
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं लखीमपुर से कवि गोविंद कुमार गुप्ता
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image