डाॕ शाहिदा
अपने आसपास नज़र डाल कर देखो,
कुछ दीन दुखियों को पाल कर देखो |
खिल उठेंगे मुरझाये हुए फूल और पत्ते
तुम इस ज़मीन पर पानी पाट कर देखो |
भड़क उठेंगे शोले ये कोई खेल नहीं,
आग में तुम थोड़ा सा घी डाल कर दे |
ये ज़िन्दगी बहुत हसीन बन जाएगी,
इस में प्यार का रंग डालकर देखो |
ऊपर उड़ने वाला ज़मीन पर आएगा,
एक सिक्का हवा में उछाल कर देखो |
बारिश में आकाश से गिरता पानी ,
फिर ऊपर जाएगा उबालकर देखो |
क़द ज़माने में ऊँचा हो जाएगा खुद ही,
दुश्मन को जड़ से उखाड़ कर देखो |
दौलत का नशा हरगिज़ न पालना,"शाहिद"
दौलत वालों के घर में झांक कर देखो |