सेवा भाव सदा मन से होता है l
निर्मल और प्रेम से होता है l
बिना फल की आशा किये होती है l
ना छोटा, ना बड़ा, जीव -जन्तु देखे,
ना पशु - पक्षी, ना पेड़ - पौधे देखे
देखे तो बस एक पवित्र मन देखे,
सेवा हम सब की करते है जरुरी नहीं है
सेवा एक की ही की जाए संसार मे
हर वस्तु है जिस से प्रेम किया जा सकता है l
दुनियाँ मरने के बाद उस इंसान के लिए
दान पुण्य करती है उसके लिए हर वो काम करती है
जिससे उसकी तृप्ती हो सके l
पर वो तो नहीं देखता है ना जिसके लिए वो कर रहे है
अगर सेवा करनी ही है तो उसके जीते जी की जाए,
जिससे वो देख सके और हमें उसकी सेवा कर के
एक अंनत जैसा सुःख मिल सके l
आलिया खान.......
दिल्ली...