बात मानीं अब छोड़ीं मनमानीँ-

 बात मानीं अब छोड़ीं मनमानीँ-

नादानी से बा हानी भाईजी।

बा हानी भाईजी बा हानी भाईजी-

तनि सोंची नात बढ़ी परेसानी।

नादानी से बा••••••••।।


जागीं भोरे प्रणयाम करीं।

जोग जाप व्यायाम करीं।

गलगलाईं दूनो टायेम गर्म पानी।

नादानी से बा•••••••••।।


गुनगुना जल असनान करीं।

गरमा गरम जलपान करीं।

आजमाईं भाई नुक्सा हिंदुस्तानी।

नादानी से बा•••••••••।।


जादा मत हाट बाजार करीं।

घरहीं रहिके उचपार करीं।

मत करीं रउआ जादा आनाकानी।

नादानी से बा•••••••••।।


चिंता छोड़ी समधान करीं।

महमारी के निदान करीं।

हो कंगला दानी राजा चाहे रानी।

नादानी से बा•••••••••।।


अमरेन्द्र कुमार सिंह

आरा भोजपुर बिहार

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