भजन/गीत


महेन्द्र सिंह "राज"

श्री राम भजो घनश्याम भजो,

मुक्ति तुमको मिल जाएगी 

गर मन में श्रद्धा जागी तो

जीने की सूक्ति मिल जाएगी।

श्री राम भजो घनश्याम भजो 

मुक्ति तुमको मिल जाएगी। 


दो शब्द का नाम है तेरा 

उसमें अद्भुत क्षमता है, 

वही राम का सच्चा भक्त है

 जिसमें जीवों से ममता है।

बिन राम को भजे तुम्हारी 

नैय्या पार न जाएगी

श्री राम भजो घनश्याम भजो

मुक्ति तुमको मिल आएगी।


राम नाम को भजे विभीषण 

बन गए लंका के राजा

राम नाम भव सागर तारे

रंक होय चाहे हो राजा।

मन में यदि छल छद्म भरा हो

सारे सद्कर्म नशाएगी

श्री राम भजो घनश्याम भजो

मुक्ति तुमको मिल जाएगी। 


राम नाम का सुमिरन करके

कपीश बने बजरंग बली, 

राम राम को दिल में रखकर

जगतमात बनी जनकलली। 

राम नाम की परम शक्ति

माया का नाश कराएगी

श्रीराम मजो घनश्याम भजो

मुक्ति तुमको मिल जाएगी।  


भाव विभोर हो रामजी खाए

माता शबरी के जूठे बेर

गजराज की करुण पुकार सुनी

आने में किंचिद लगी ना देर। 

राम नाम भव सागर सेतु

भव बाधा पार कराएगी।

श्रीराम भजो घनश्याम भजो

मुक्ति तुमको मिल जाएगी 


राम गात स्पर्श मात्र से

पाहन से नारी बनी अहिल्या,

राम कृपा से अंजनि कुमार

बचपन में सूरज को लिल्या,

राम प्रभू हम सब सेवक हैं 

यह वृत्ति ही तमस भगाएगी

श्रीराम भजो घनश्याम भजो

मुक्ति तुमको मिल जाएगी।। 


महेन्द्र सिंह "राज"

मैंढीं चन्दौली उ. प्र. 

9986058503

Popular posts
सफेद दूब-
Image
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
अभिनय की दुनिया का एक संघर्षशील अभिनेता की कहानी "
Image
कर्ज संकट की खास योग
Image
भोजपुरी भाषा अउर साहित्य के मनीषि बिमलेन्दु पाण्डेय जी के जन्मदिन के बहुते बधाई अउर शुभकामना
Image