किरण झा
बात दिल की जुबां पर लाये हैं
आज हम खुलकर मुस्कराये हैं
भूल सकते नहीं हैं हम तुझको
आप तो दिल में ही समाये हैं
कब से देखा किये थे हम सपना
कभी तुमको ना आजमाये हैं
अच्छी होती नहीं है खामोशी
हम जमाने के ही सताये हैं
बोल दे अब सभी हकीकत को
बात दिल की सभी बताये हैं
बीते लम्हों की याद आती है
साथ में जो "किरण" बिताये हैं
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