ग़ज़ल

  


डाॅ शाहिदा

देखा एक ख्वाब तो ये दिल मचल गया,

कली कली पे भौंरे का, दिल मचल गया।


लाख लाख शुक्र है आपकी निगाहों का,

निगाहें निगाहों से मिली, दिल मचल गया।


स्याह रात में चारों तरफ़ अँधेरा देखकर,

हर तरफ़ जुगनुओं का, दिल मचल गया।


झरने का पानी,दिलकश मौजों की रवानी,

हाय मौसम सुहाना देख, दिल मचल गया।


गाँव की वो गोरियाँ पनघट पे भरती पानी,

पायल की रुन झुन सुन, दिल मचल गया।


दिले बेताब को कैसे समझाएगा 'शाहिद' ,

दिल्लगी दिल से की और दिल मचल गया।

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
सफेद दूब-
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
अर्जुन तुम प्रतिकार न करके
Image
प्रेरक प्रसंग : मानवता का गुण
Image