अंजु दास गीतांजलि की ग़ज़लें

 


अंजु दास गीतांजलि

पत्थर से टकराकर के क़िस्मत को बदलना सीखो तुम। मंजिल कि राहों पर बिना थककर के चलना सीखो तुम।


लेता परीक्षा वक्त भी इंसान का हर वक्त ही 

मत हौसला खोना कभी आगे को बढ़ना सीखो तुम।


मेहनत से हासिल होता सब कुछ बता सच्ची है यही

जीवन के पथ संर्घषों से ही जंग करना सीखो तुम।


आते बहुत हैं प्रगति पथ पर रोड़े लेने इम्तिहां 

सुन प्यारे मुश्किल की घड़ी धीरज को रखना सीखो तुम।


इस दर्द की राहों पे मत करना वफ़ा उम्मीद तुम

मिलती वफ़ा के बदले ठोकर दर्द सहना सीखो तुम।


अब वो हवा अब वो चमन वो अपना उपवन गुम हुआ 

हालात ए जुल्मों सितम से प्यारे लड़ना सीखो तुम।


ख़ामोश रहने से कहीं अच्छा होगा ए अंजु की

बेख़ौफ़ अपनी बात सबके बीच कहना सीखो तुम।


अंजु दास गीतांजलि.........✍️ 

पूर्णियाँँ ( बिहार ) 

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