डॉ निरूपमा वर्मा
जैसे-जैसे घर में रहने का वक्त बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे लोगों की मानसिक और भावनात्मक स्थिति पर भी नकारात्मक प्रभाव बढ़ता जा रहा है।जो लोग पहले से अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देते थे उन्होंने ने तो वॉकिंग ओर एक्सरसाइज के साथ ध्यान और योगा को भी अपने रूटीन में शामिल कर लिया परंतु जो पहले से आलसी थे जो जैसे-तैसे अपने ऑफिस और कॉलेज जाते थे उनका तो रूटीन और ज़्यादा खराब हो गया इस लॉकडाउन के दौरान ।
चिंता और तनाव हम सब के मन होता ही है लेकिन
कोई बात नहीं अगर आप वाकई में चिंताऔर तनाव से मुक्त होना चाहते है तो सबसे पहले तो कम से कम दिन में आधा घंटा तो अपने आप को देना ही होगा ।
बस उस आधे घंटे के लिए पूरी दुनिया को भूल जाइए । अपना फोन साइड में स्विच ऑफ कर के रख दें ।
मानसिक तनाव को कम करने के लिए समाचार ना देखे । अपनी पसंद की मूवी देखें या गाने सुने या कोई फनी वीडिओ देख़ सकते है ।
हो सके तो रातको भी सोने से एक घण्टा पहले मोबाइल मत चलायें। आप उन लोगो से फ़ोन पर बात न करें जो निगेटिव बात करते है । कुछ लोगो को चुने जो आप को मोटीवेट कर सके या पॉजिटिव बात करते हो या जो हँसमुख स्वभाव के हों ।
इस महामारी के समय पता नही कब कौन हमें हमेशा के लिए छोड़ के चला जाए इसलिए किसी और प्रकार की मदद न सही सबसे अच्छे शब्दों का प्रयोग करके बात करिए।
अपने दिमाग से उन तमाम बातों को निकाल दीजिए जो आपने सालों से दिल में दबा के रखी है कि किसने आपसे कब क्या बुरा कहा था।
जिस प्रकार हमारे शरीर को स्वस्थ रहने के लिए पौष्टिक आहार की जरूरत होती है उसी प्रकार स्वस्थ दिमाग के लिए भी उसे हर रोज़ अच्छे विचारों की खुराक जरूर दीजिए।
भले ही सिर्फ पाँच मिनट के लिए ही सही पर एक्सरसाइज रोज़ करिए।
किसी दिन उगते हुए सूरज को देखिए । महसूस करिए सूर्य की ऊर्जा को अपने शरीर मे ।
सुबह की ताज़ी हवा को आँखे बंद करके खुद को छूते हुए महसूस करिए।
बाहर नही जा सकते तो घर की छत या घर के अंदर ही सुबह शाम पाँच मिनट के लिए चहलकदमी करिए।
सुबह की शांति को महसूस करते हुए पाँच या दस मिनट खुद से बात करिए या चुपचाप बैठ जाएं।
दिन में दो बार गहरी सांसें लीजिए।
अकेलेपन से बचे -आप फोन के माध्यम से सही लोगों से जुड़े रहे .
पारिवारिक सदस्यों के साथ हल्का फुल्का मनोरंजन करते रहे . बच्चों के साथ सांप सीढ़ी , लूडो , ताश , कैरम खेल सकते है । पत्नी के काम में मदद कर सकते है . बुजुर्ग माता पिता के साथ समय बिताएं .
अपनी सोच को सकारात्मक रखे ।
अच्छी किताबें पढ़ें । कभी कभी बाल पत्रिका या बचपन मे पढ़ी कहानी पुनः याद करें । किताबे बहुत अच्छी दोस्त होती है खाली समय में अच्छा साहित्य पढ़कर आप तनाव कम कर सकते है ।
चौबीसों घण्टे महामारी वाले समाचार मत देखिए ।,जैसा देखेंगे और सुनेगें वैसे ही विचार आएंगे और ज़्यादा आएंगे।
मानसिक तनाव को कम करने के लिए सबसे अच्छा तरीका है अपनी भावनाओं को व्यक्त करना | अपने डर, ख़ुशी, गम को किसी विश्वास पात्र व्यक्ति के साथ साझा करे | ऐसे लोगो से साथ रहे जिनका दृष्टिकोण जीवन के प्रति सकारात्मक हो | हसीं-मजाक वाले कार्येक्रम देखे |
आप सवयं भी जीवन के प्रति अपने दृष्टिकोण को सकारात्मक कीजिये |
दूसरों की नकारात्मक सोच को अपने ऊपर हावी न होने दे |
अपनी हॉबी को फिर से शुरू कर दे पेंटिंग /म्यूजिक /लिखना /पढ़ना /बागवानी आदि जो भी हो उसे करें
कुछ समय पेड़ पौधों को दीजिये । बगीचे में खिले फूलों को देख कर खुश होइए । अगर घर में गमले है तो उनकी देखरेख करें / चिड़ियों को दाना पानी रखे ।
मैं बगीचे में उछलती कूदती गिलहरियों को देख प्रसन्न होती हैं । विभिन्न तरह की खूबसूरत चिड़ियों को, तितलियों को देखना जीवन में स्फूर्ति उत्पन्न करता है । प्रकृति के समीप रहें और तनावमुक्त हो जाइए ।
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