जिंदगी का साथ जिंदगी से
जिंदा रहे हम, रहे जब तक
हमारा हौसला जिंदा रहे
मैं रहूं न रहूँ।
वक्त ने माना हमारे बीच
रख दी दूरियां बनाकर
हों दिलों में रास्ता, तो जिंदा रहे
मै रहूं न रहूँ।
ऐ मेरे अपनो तुम्ही ने दी
मुझे जिंदादिली, मैं अगर जिंदा
रहूं, तू भी सदा जिंदा रहे
मैं रहूँ न रहूँ।
प्यार से सुलझाइये,
हल गुत्थियां सुलझ जाएगी
जब तलक संसार है ये
फलसफा जिंदा रहे
मैं रहूँ न रहूँ।
मेरी कविता,रहेगी
मेरे दोहो की ताल भी
गीत मेरे की सुरताल भी
और गजल की खनक भी
मैं रहूं न रहूं।
मेरा कहा जिंदा रहे
मेरा लिखा जिंदा रहे
मै तुममे जिंदा रहूँ
बस ये तम्मना रहे
मैं रहूँ न रहूँ।
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद