सुहाना मंजर

 



 रंग बिरंगी चिड़िया सारी

 देखो लगती कितनी प्यारी

 पंख फुलाए चू- चू करती 

 उड़ती फिरती क्यारी- क्यारी।


 लगती देखो कितनी सच्ची

 कोई बड़ी है कोई बच्ची

 सोच रही है खाएगी क्या 

फल अमिया की पक्की कच्ची ।


 सुंदर-सुंदर रंगों वाली

 फैली इनकी छटा निराली

 रूप अनोखा देखे इनका

 बगिया भी हो गई मतवाली ।


 कौन रहेगा इसके अंदर

 नीड है इनका कितना सुंदर

 आपस में मिलकर ये रहते

 लगता सपन सुहाना मंजर ।


खतरे की कोई बात नहीं 

बड़े - बूढ़ों ने खूब कही 

पहरा देंगे बारी-बारी 

सबने बोला यही सही ।


अनामिका सिंह

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