ग़ज़ल

  


       डाॅ शाहिदा

      उसका पैग़ाम मेरे नाम, सर आँखों पर,

      प्यार का जाम मेरे नाम, सर आँखों पर।


     ‌ प्यार के रंग में इस तरह सराबोर होकर,

       ख़त में उसका सलाम, सर आँखों पर।


       उसका भेजा तोहफ़ा क़ुबूल है मुझको,

       गुलों के संग खार तमाम, सर आँखों पर।


      कहीं गुलशन कहीं सहरा दिखाई देता है,

      ऐसे वीराने में एक शाम, सर आँखों पर।


      बरसात की सुहानी रात़ मे गर उसका,

      मेरी कुटिया मे हो क़याम,सर आँखों पर।


     काश कायनात का हर ज़र्रा करे दुआ,'शाहिद',

      मुरादों का हो एहतेमाम, सर आँखों पर।


Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
पीहू को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
ठाकुर  की रखैल
Image
कोरोना की जंग में वास्तव हीरो  हैं लैब टेक्नीशियन
Image