डॉ शाहिदा
शायरी क्या है ? दिल की आवाज़ है,
गुफ़तगू का एक अनोखा अंदाज़ है।
लफ़ज़ों को जोड़कर जो कहना चाहो,
किसी गीत,किसी ग़ज़ल का आग़ाज़ है
प्यार की धुन पे जो बजता है दिलों में,
मोहब्बत का वो एक निराला साज़ है।
जिसकी तलाश में फिर रहा सदियों से
आस्माँ की हसीन ऊँचाइयों में अरबाज़ है।
ये फ़लसफ़ा हयात है समझना चाहिये,
छिपा इसमें हमारी ज़िन्दगी का राज़ है ।
दर्दे दिल,दास्ताने ग़म भी शामिल है इसमें
मेरी शायरी,मेरी हमसफ़र,मेरी हमराज़ है ।