"आओ मेरे पास " (लघुकथा)

  

नीरज कुमार सिंह

एक चट्टान के उपर बैठा नर तोता बोला "अरे नीचे गुमसुम क्यों बैठी हो आओ उपर मेरे पास ?

ये सुनकर मादा तोता बोली "क्या जी.... आपभी ना ...हर वक्त सिर्फ... मस्ती,... कितनी बड़ी संकट आई है? देख रहे हैं न ,...जो मानव हमे पिजड़े में कैद करते थे, आज वो खुद अपने घरों में कैद हैं, यही सोचकर मन दुखी है आज"

इसपर नर तोता बोला क्या करोगी ये मानव कम उपद्रवी नही हैं सब अपनी गलतीयों की  सजा भोग रहे कोरोना वायरस के रूप में"।

नीरज कुमार सिंह

देवरिया यू पी

Popular posts
अस्त ग्रह बुरा नहीं और वक्री ग्रह उल्टा नहीं : ज्योतिष में वक्री व अस्त ग्रहों के प्रभाव को समझें
Image
गाई के गोवरे महादेव अंगना।लिपाई गजमोती आहो महादेव चौंका पुराई .....
Image
सफेद दूब-
Image
परिणय दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
Image
दि ग्राम टुडे न्यूज पोर्टल पर लाइव हैं अनिल कुमार दुबे "अंशु"
Image