परिवार दिवस की शुभकामनाये
डा. मंजु सैनी
दिए की बाती समान हूँ मैं
सदा अपनो के लिए जलती हूँ मैं।
रोशनी देती परिवार को सदा मैं
उनके लिए दिल में उमंगें रखती हूँ मैं।
चाहे कितनी भी बाधाए में फंसी हूँ मैं
सदा परिवार के लिए ही खड़ी रहती हूँ मैं।
आंच न आये परिवार पर मेरे ये सोचती हूँ मैं
खुद को दिये सा जलाये रखती हूँ मै।
यूं तो परेशानियां बहुत आती हैं जीवन मे
लो उनसे भी दो दो हाथ करती रहती हूँ मै।
मेरा परिवार भी जान लुटाए मुझ पर ,
बस इसलिए दुखो मै भी मजबूत खड़ी हूँ।
दिए कि बाती सी हूँ सदा जलती रहती हूँ
बस अपने परिवार के लिए जिंदा रहती हूँ।
दिए का काम हैं जलकर रोशनी देना हरेक को
चाहती हूँ कष्ट झेलकर में भी रोशन करू अपनो को
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद