अमर रहे गणतंत्र हमारा




अखिल विश्व में सबसे न्यारा।

*अमर रहे गणतंत्र हमारा*।।


विविध धर्म और भाषाऐं है।

जन गण मन की आशाऐं है।

विविध नही मिल एक है सारा।

*अमर रहे गणतंत्र हमारा*।।


जनता के हित जनता द्वारा,

जनता का ही शासन सारा।

समता,न्याय ,प्रगति हित  लेकर,

सुरभित होता पंथ हमारा।।

*अमर रहे गणतंत्र हमारा*।।


अमर शहीदों के बलिदानों से,

अद्भूत ये सौगात मिली है।

मातृभूमि  स्वरक्त सींचकर

आजादी की कली खिली है।

है संकल्प प्राण देकर भी,

भारत २हे स्वतंत्र हमारा।

*अमर रहे गणतंत्र हमारा*।।


जनमानस का जीवन हमको 

मिलकर सुखमय करना है।

भारत हो खुशहाल सर्वदा,

सपना यह सच करना है।

प्रतिपल रहे प्रजा का चिंतन

यही मंत्र होठों पर न्यारा।

*अमर रहे गणतंत्र हमारा*।।

दिशा दिशा में गुंजित गान।

हम सब मिलकर रखें मान।

हिन्द देश बंधुत्व बढ़ाये ,

विश्व गुरु हो देश हमारा।

*अमर रहे गणतंत्र हमारा*।।

आशा त्रिपाठी

       26-01-2021

       हरिद्वार

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