अंतर्मन को झंकृत करती, वह भाषा केवल हिन्दी है |
मन को अभिमंत्रित सा करती,वह भाषा केवल हिन्दी है||
अपने छंदों, गीतों से जो जीवन को श्रृंगारित करती,
भारत का प्रतिनिधित्व करती, वह भाषा केवल हिन्दी है||
©# प्रतीक्षा तिवारी
कानपुर
आप सभी को राष्ट्रभाषा दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹