रामजन्मभूमि परिसर में नींव खोदाई की शुरू हुई पाईलिंग टेस्टिंग

संवाददाता राहुल जायसवाल


*अयोध्या।*श्रीराम जन्मभूमि 


परिसर में नारियल फोड़कर विधिविधान से राममंदिर के नींव के लिए एक पाइलिंग की टेस्टिंग का काम शुक्रवार को शुरू हो गया। यह पिलर सौ फीट गहरा और एक मीटर व्यास में होगा। पिलर बनने के एक माह बाद अक्तूबर में इसकी भार क्षमता व भूकंपरोधी रिपोर्ट आएगी। इसके अध्ययन के बाद शेष 1199 खंभों की पाइलिंग का काम शुरू होगा।


राममंदिर नींव के लिए शुक्रवार दोपहर में एक पिलर की खोदाई रिंग मशीन द्वारा शुरू कर दी गई है। इससे पूर्व ट्रस्ट के पदाधिकारियों एवं एलएंडटी के इंजीनियरों की मौजूदगी में वैदिक मंत्रोच्चारों के मध्य पूजन कर नारियल फोड़ा गया। 


श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने ट्रस्टी डॉ.अनिल मिश्र, ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, महंत दिनेंद्र दास, ऑफिसियो ट्रस्टी डीएम अनुज कुमार झा सहित एलएंडटी के इंजीनियरों की मौजूदगी में ड्रिलिंग रिग मशीन का पूजन कर कार्य प्रारंभ कराया।


चंपत राय ने बताया कि मशीन की सहायता से गड्ढा खोदकर बगैर स्टील के उसकी पाइलिंग करते हुए कंप्लीट किया जाएगा। श्रीरामजन्मभूमि परिसर में यह पिलर तैयार होने के बाद यहां विशेषज्ञ इसे मजबूती की कसौटी पर कसेंगे। सब कुछ ठीक पाए जाने के बाद इसी तरीके के और स्तंभ तैयार होंगे, जिन पर मंदिर की नींव रखी जाएगी। पाइलिंग जमीन के नीचे 100 फीट गहराई से कंकरीट के खंभे खड़े करके तैयार होगी। 


चंपत राय ने कहा कि दैवीय आपदा व मजबूती के लिहाज से 1000 वर्ष तक रामजी का मंदिर सुरक्षित रहे, यह ट्रस्ट का प्रयास है। जमीन के नीचे 55 फीट पर जलस्तर है और माना जा रहा है कि जितना ही पिलर पानी के अंदर होगा मजबूती के लिहाज से उतना ही अच्छा है। पिलर उसी तरह गलाया जाएगा जैसे नदियों में पुल के खंभे गलाये जाते हैं। नदियों में जैसे पुल बनाने के लिए खंभे डाले जाते हैं। 


बड़े-बड़े शहरों में मेट्रो लाइन बिछाने के लिए जैसे खंभे खड़े किए जाते हैं, इसी तरह यहां पर 1200 खंभे जमीन के अंदर डाले जाएंगे। उसका परीक्षण शुरू हो गया है, आज एक पाइलिंग टेस्टिंग का काम शुरू कर दिया गया है। फिर एक महीने बाद देखेंगे उस कंकरीट ने कैसी ताकत प्राप्त की। उसके आधार पर उसकी शक्ति बढ़ाने के लिए उस कंकरीट की आयु बढ़ाने के लिए जो विषय के दक्ष लोग हैं जैसे कि चेन्न्ई आईआईटी, सीबीआरआई रूड़की होमवर्क करेंगे। इसके बाद उनकी रिपोर्ट के आधार पर आगे का काम शुरू किया जाएगा।


राममंदिर निर्माण के लिए नींव खोदाई के लिए की जाने वाली पाइलिंग के लिए चार रिंग मशीनों का प्रयोग किया जाएगा। अभी एक ही मशीन कानपुर से आई है। हर एक मशीन की क्षमता एक दिन में एक पाइलिंग तैयार करने की है। बताते हैं कि यह पाइलिंग भूतल से करीब 20 मीटर नीचे तक ही लाकर उसके बाद ठोस सीमेंट-मोरंग व गिट्टी का मोटा फाउंडेशन तीन परतों में बनेगा। फिर सबसे ऊपरी हिस्से में राजस्थान के बंशीपहाड़ीपुर के गुलाबी पत्थरों से मुख्य फाउंडेशन तैयार होगा।


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