रामायणकालीन वृक्षों से सुसज्जित होगा श्रीरामजन्मभूमि परिसर

 


संवाददाता राहुल जायसवाल


अयोध्या।* श्रीराम जन्मभूमि परिसर के चारों तरफ रामायणकालीन पौधे लगाए जाएंगे। बाउंड्रीवॉल के चारों तरफ डबल बैरीकेडिंग के बीच खाली जगह को ग्रीन बेल्ट के रूप में विकसित करने के लिए वन विभाग ने श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को प्रस्ताव भेजा है। विभाग ने रामायण काल के वृक्षों की प्रजातियां भी चुन ली हैं। ट्रस्ट की ओर से इस योजना को जल्द ही सहमति मिल सकती है।


श्रीराममंदिर के 70 एकड़ परिसर के बाहरी चहारदीवारी को रामायणकालीन पौधों से सजाने की तैयारी है। इसे लेकर पहले भी ट्रस्ट के पास आईआईटी के इंजीनियरों ने प्रस्ताव भेजा था कि सरयू की ओर से आने वाली हवाएं अपने साथ बालू व नमी लाती है, इससे राममंदिर के पत्थरों पर असर न पड़े, इसलिए तीन लेयर में चारदीवारी पर वृक्षारोपण करना होगा। 


इंजीनियरिंग टीम ने कहा था कि पहले छोटे, फिर बड़े पौधों का चयन होना चाहिए। अब वन विभाग ने इसी योजना को मूर्त रूप देने की तैयारी शुरू की है। वृक्षारोपण से संदेश देना है कि यहां पहुंचते ही रामभक्तों को त्रेतायुग का अहसास हो। इसके लिए राममंदिर परिसर के चारों तरफ ग्रीन बेल्ट का निर्माण होगा। वन विभाग ने रामायण काल के वृक्षों की प्रजातियों चुनी हैं। इन प्रजातियों के पौधे यहां लगाए जाएंगे।


डीएफओ मनोज खरे के मुताबिक वन विभाग ने अपने स्तर पर तैयारी कर ली है। अब ट्रस्ट की मुहर लगना बाकी है। श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की भी सहमति बन गई है। वहीं, ट्रस्ट सूत्रों का कहना है कि राम मंदिर का नक्शा पास हो गया है। अब परिसर का डिमारकेशन होने के बाद जगह जगह खूबसूरत घास व झाड़ियों के प्लांटेशन की योजना वन विभाग ने तैयार की है।


राममंदिर परिसर में नक्षत्र वाटिका भी विकसित की गई है। जिसमें सीएम योगी आदित्यनाथ ने अपने जुलाई के दौरे मे नक्षत्र के मुताबिक रीठे के पौध का रोपण किया था। इस वाटिका में 27 नक्षत्रों के पौधों का रोपण किया गया है। यहां आए पीएम नरेंद्र मोदी ने भी 5 अगस्त को रामलला के अस्थाई मंदिर के पास पारिजात के पौध का रोपण किया था।


डीएफओ खरे के मुताबिक वन विभाग ने अब तक 89 ऐसे वृक्षों की प्रजातियों को चिह्नित किया है, जो रामायण काल से जुड़ी है। इन वृक्षों से राममंदिर परिसर को ग्रीन बेल्ट के रूप में सुसज्जित किया जाएगा। इनमें अशोक, पारिजात, कदंब, बरगद, नारियल, आम, देवदार, चंपा, महुआ, पुनाल, नागकेशर जामुन, अनार, अर्जुन आदि प्रमुख हैं। इन्हें राममंदिर की बाउंड्रीवॉल के चारों तरफ बचे स्थानों पर लगाया जाएगा।


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